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मेरी फुरक़त मे तुम तडपा करोगे # Attaullah Khan Ghazal

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Unknown


Meri furqat me tum tadpa karoge  attaullah khan ghazal


"  Diye tune muje aasu mohabbat ki saugato me
Wo kafir hai jo soya ho teri furqat ki raato me..."

Meri furqat me tum tadpa karoge 
Akele baith ke roya karoge...

Jab aayegi  hamari yaad
To diwaro se tum lipta karoge...

Tum apni aankh ke ashko se 
mere ghar ka pta pucha karoge

Tum apne kaapte hotho se " sadiq "
Meri tasveer ko chuma karoge..

Meri furqat me tum tadpa karoge 
Akele baith ke roya karoge...
❤❤❤❤

"  दिए तूने मुझे  आसू मोहब्बत की सौगातो मे
वो काफ़िर है जो सोया हो तेरी फुरक़त की रातो मे..."

मेरी फुरक़त मे तुम तडपा करोगे 
अकेले बैठ के रोया करोगे...

जब आएगी  हमारी याद
तो दीवारो से तुम लिपटा करोगे...

तुम अपनी आँख के अश्को से 
मेरे घर का पता  पूछा करोगे

तुम अपने कापते होठों से " सादिक़ "
मेरी तस्वीर को चूमा करोगे..

मेरी फुरक़त मे तुम तडपा करोगे 
अकेले बैठ के रोया करोगे...

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